पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है प्रशासन

बैतूल। बैतूल जिला प्राकृतिक सम्पदा के मामले में बेहद सम्पन्न है। कुकरु की वादियां हो या चिखलार के जंगल, यहां नदियों के किनारे और ऊंचे पहाड़ भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। बीते एक महीने से जिले भर में झमाझम बारिश की वजह से जहां सभी जलाशय लबालब हो चुके है। नदियों में भी बाढ़ की स्थिति है। भरी बारिश में कहीं लोग बाढ़ देखने जा रहे है तो बारिश थमने के बाद झरनों का आनंद लेने की योजना बना रहे है। इन स्थानों पर सुरक्षा को लेकर एहतियात एवं दुर्घटना पाइंट का विवरण न होने के कारण खतरे की आशंका बनी रहती है। जिले के सारनी, छोटा महादेव, चिखली, चिखलार, गुप्तेश्वर, घोघरी, ताप्ती सहित अन्य स्थानों पर झरने, ताप्ती बैराज, सतपुड़ा डेम, गोधना, चंदोरा, पारसडोह डेम, कोसमी जलाशय, ताप्ती, बारहलिंग, पारसडोह सहित अन्य स्थानों पर भी शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोग पहुंचने लगे है। ऐसे में प्रशासन को इन स्थानों पर भी पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम करने चाहिए। अन्यथा गत वर्षों की तरह ही अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता।
सोशल मीडिया पर मार्मिक अपील
जहां प्रशासन पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं वहीं ऐसे ही एक पर्यटक स्थल की भेंट चढ़े माता पिता की मार्मिक अपील प्रकृति के सौन्दर्य में छिपी भयावहता को लेकर सावधान रहने के लिए कह रही है। नदी में स्नान के दौरान जरा सी लापरवाही के कारण मुलताई निवासी सतीष खण्डेलवाल एवं सुधा खण्डेलवाल के बेटे विवेक खण्डेलवाल की 15 अगस्त 2016 को मौत हो गई थी। इस परिवार ने किसी अन्य परिवार को यह दु:ख न सहना पड़े इसलिए नदी और पानी में सावधानी रखने की अपील की है। यह अपील फेसबुक पर बैतूल मेरी जान पेज पर लोगों को जागरुक कर रही है। 

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